G20 बैठक के समय, भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) की भांति ही अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन गठबंधन (International Biofuel Alliance) आरंभ करने वाला है। इस हेतु अमेरिका तथा ब्राजील भारत का साथ प्रदान करने हेतु सहमत हो गए हैं। भारत ऐसी कई उत्सर्जन कटौती पहलों के अंदर आगे रहा है। देश ने अपने शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को पूर्ण करने हेतु 2023-24 के बजट के समय 4.3 बिलियन अमरीकी डालर आवंटित किए हैं।

जैव-ईंधन गठबंधन का उद्देश्य
- जैव ईंधन के उत्पादन को महत्त्व प्रदान करना
ब्राजील और अमेरिका का महत्व
दोनों देश ही संसार के सबसे बड़े जैव ईंधन बाजार में से एक हैं। जैव ईंधन के अंदर अमेरिका नंबर एक तथा ब्राजील दूसरे स्थान पर आता है। वे बायोडीजल तथा इथेनॉल उत्पादन के अंदर आगे हैं। इसी के साथ में वे दुनिया के इथेनॉल उत्पादन का 84% तथा दुनिया के बायोडीजल उत्पादन का 26% भाग हैं।
भारत के जैव ईंधन लक्ष्य
भारत के द्वारा 2025 तक गैसोलीन के अंदर 20% इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। 2018 के अंदर, भारत के द्वारा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (National Biofuel Policy) आरंभ की थी। तब से भारत अपने इथेनॉल मिश्रण में वृद्धि कर रहा है। 2013 के अंदर, देश में इथेनॉल सम्मिश्रण 0.67% रहा था। 2022 के अंदर, यह वृद्धि होकर 10% हो गया था। ब्राजील के द्वारा 100% इथेनॉल ईंधन प्राप्त किया है। जैव ईंधन के अतिरिक्त, भारत हाइड्रोजन हब लाने पर भी फोकस कर रहा है। केरल राज्य के द्वारा तिरुवनंतपुरम के अंदर हाइड्रोजन हब स्थापित करने हेतु 2023-24 के बजट में एक बड़ा भाग आवंटित किया है।