CII के द्वारा Business Confidence Index जारी किया गया
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर तिमाही हेतु नवीनतम CII बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स 67.6 के मूल्य के साथ करीब दो वर्षों के अंदर अपने उच्चतम लेवल पर पहुंच गया है। यह गत तिमाही के अंदर 62.2 की बढ़ोतरी है, जो बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के परिणामस्वरूप भारत की स्थिति के प्रति आशावाद को वयक्त करता है।

यह सूचकांक देश के समस्त उद्योग क्षेत्रों तथा क्षेत्रों के अंदर अलग-अलग साइज की 120 से ज्यादा फर्मों के सर्वेक्षण के निष्कर्षों की बेसिस पर है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षित विकास दर क्या है?
सर्वेक्षण के 70 प्रतिशत उत्तरदाताओं (अधिकांश) को लगता है कि मार्च के अंदर खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष के भीतर भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत की सीमा के अंदर बढ़ेगी, जो गत वित्त साल के अंदर 8.7 प्रतिशत थी।
आर्थिक गतिविधि पर नीति दर वृद्धि का प्रभाव क्या है?
करीब आधे उत्तरदाताओं (47 प्रतिशत) ने इंगित किया है कि वे समग्र आर्थिक गतिविधि पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा नीतिगत दरों के अंदर वृद्धि के प्रभाव को पूर्व ही महसूस करना स्टार्ट कर चुके हैं, जैसा कि सर्वेक्षण से ज्ञात हुआ है। उच्च ब्याज दरों के द्वारा निजी निवेश स्तरों पर भी प्रभाव डाला गया है।
भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक आर्थिक विपरीत परिस्थितियाँ कैसे प्रभावित कर रही हैं?
कठिन वित्तीय स्थितियों तथा भू-राजनीतिक तनावों की वजह से वैश्विक आर्थिक विकास के अंदर विपरीत परिस्थितियों के परिणामस्वरूप, सर्वेक्षण के 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर केवल मध्यम प्रभाव की आशा की गई। उत्तरदाताओं के मध्य विश्वास इस तथ्य से बढ़ा है कि 86 प्रतिशत का मानना है कि बुनियादी ढांचे पर सरकार का ध्यान भारतीय अर्थव्यवस्था हेतु सबसे बड़ा सकारात्मक है, इसके पश्चात कर संग्रह के अंदर सुधार तथा बेस्ट खपत वसूली है।